
निलंबित सांसदों के मुद्दे पर सरकार द्वारा 5 दलों के नेताओं को भेजे गए निमंत्रण को विपक्षी दलों ने किया खारिज
राज्यसभा में नेता पीयूष गोयल द्वारा संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा से विपक्ष के 12 निलंबित सांसदों के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने सोमवार को एक अहम बैठक बुलाई थी। बता दें कि जिन 12 सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही निलंबित किया गया था, उनमें कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीआई और सीपीआई (एम) के सांसद शामिल हैं।विपक्ष ने राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार द्वारा चार दलों के नेताओं को भेजे गए निमंत्रण को खारिज कर दिया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जोशी को लिखे पत्र में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं के बजाय केवल चार दलों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ 4 पार्टियों को बुलाकर अगर विपक्ष के सभी नेताओं को नहीं बुलाएंगे तो क्या संदेश जाएगा? ये विपक्षी दलों की एकजुटता को तोड़ने की साजिश है। हमने पत्र लिखा है कि सर्वदलीय बैठक बुलाओ।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा कि एक ऐसी सरकार का सोमवार सुबह का ‘स्टंट’ जोकि संसद को संचालित नहीं होने देना चाहती। सरकार ने उन चार दलों के नेताओं को बुलाया है जिनके 12 राज्यसभा सदस्यों को मनमाने तरीके से निलंबित कर दिया गया।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि निलंबित सांसदों का मुद्दा है इसलिए हम निलंबित पार्टियों के नेताओं के साथ बात करके हल निकालना चाहते थे। आप संविधान दिवस का बायकॉट करते हैं, लोग आपको बायकॉट ही कर रहे हैं अब तो समझ लो। बायकॉट करने की ये क्या नई परंपरा है।
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