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लगभग 24 घंटे तक नाराज़ रहने के बाद शनिवार देर रात कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत आखिर मान गए

लगभग 24 तक नाराज़ रहने के बाद शनिवार देर रात कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत आखिर मान गए हैं। अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया कर्मियों से हरक सिंह ने स्वीकार किया कि वह बहुत नाराज थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रथम किस्त के रूप में 25 करोड़ रुपये अवमुक्त करने को रजामंद हो गए हैं। लिहाजा अब वह मुख्यमंत्री से नाराज नहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को अहंकार रहित और जमीन से जुड़ा व्यक्ति भी बताया। उन्होंने कहा कि धामी मेरे छोटे भाई हैं, उनके ऊपर मेरा आशीर्वाद बना रहेगा।
कोटद्वार मेडिकल कालेज के विषय को लेकर नाराज चल रहे हरक सिंह बीते रोज कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए थे। शुक्रवार की रात हरक के इस्तीफे की धमकी ने भाजपा में हड़कंप मचा दिया था। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को गोपेश्वर से देहरादून आना पड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह को अपना बड़ा भाई बताते हुए उनसे अपने पुराने रिश्तों और फौजी का बेटा होने का हवाला दिया। मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने के बाद रात करीब सवा बारह बजे मुख्यमंत्री आवास से निकले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने कहा कि अब कोई नाराजगी नहीं है। कोटद्वार में मेडिकल कालेज बनेगा और मुख्यमंत्री ने इसके लिए 50 करोड़ जारी करने पर सहमति दी है। साथ ही पांच करोड़ का प्रावधान किया गया। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में हरक की मांग पर सहमति बन गई है। सोमवार को शासन मेडिकल कॉलेज के लिए पहली किस्त के रूप में 25 करोड़ का आदेश जारी कर सकता है।

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