♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

हेमंत सरकार के दो साल, झारखंड बेहाल – भाजपा , पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सरकार के दो साल को बताया झूठ और लूट का साल

रांची : झारखंड सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सरकार को सभी मोर्चे पर पूरी तरह विफल बताया  । सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया । मरांडी ने कहा अपराध में लगातार बढ़ोतरी हुई है. इसका प्रमुख कारण जिसके जिम्मे पूरी कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेवारी है, उस पुलिस महकमे को सरकार ने वसूली अभियान में लगा रखा है और उसे औजार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त होने का यह एक प्रमुख कारण है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में पूरी तरह लीन है. नमाज कक्ष आवंटित करना उसका बड़ा उदाहरण है. सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी ने पुरजोर आंदोलन किया. कार्यकर्ताओं पर मुकदमा तक हुआ. सरकार मामले को 45 दिन में पटाक्षेप करने का वादा कर अभी तक चुप्पी साधे हुई है. यह सब केवल मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए किया गया. तुष्टिकरण का एक और नायब उदाहरण पांच मार्च 2021 को सरकार के द्वारा जारी एक संकल्प से समझा जा सकता है. एसटी, एससी और ओबीसी के छात्रों को साइकिल के लिए आवेदन के साथ ऑनलाइन निर्गत जाति प्रमाण पत्र देना था, वहीं मुस्लिम बच्चों के लिए स्वघोषित ही जाति प्रमाण पत्र पत्र देने का संकल्प जारी किया गया. यह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है?


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा और लॉ एंड ऑर्डर समेत सभी मोर्चों पर सरकार विफल साबित हुई है. इस सरकार ने लोगों को ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ दिखाकर सत्ता प्राप्त की। दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार के दो साल बेहद तकलीफदेह और कष्टदायक रहे हैं. साथ ही यह विश्वासघाती सरकार भी है. किसानों, महिलाओं, युवाओं, आदिवासियों से किए वादे धरातल पर नहीं उतारे. जनता डर व भय के माहौल में जी रही. 3200 से अधिक बलात्कार, 3486 हत्या, 224 डकैती और 1271 लूट के मामले इस दौरान सामने आ चुके हैं. राज्य में लॉ एंड ऑर्डर फेल है तथा लोकतंत्र खतरे में है ।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दिसंबर तक, बजट का मात्र 35% खर्च होना, झारखंड सरकार की इच्छाशक्ति को बताने के लिए काफी है। कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मात्र 10% ही खर्च हुआ है। गांव में विकास को लेकर सरकार पूरी तरह उदासीन रही है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

  • 20% (42%, 5 Votes)
  • 50% (25%, 3 Votes)
  • 70% (17%, 2 Votes)
  • 100% (17%, 2 Votes)

Total Voters: 12

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666 000