
रोहतक में 1857क्रांति के अमर शहीद महाराजा नाहर सिंह का 164वां बलिदान दिवस व किसान मसीहा चौधरी छोटूराम का 77वां निर्वाण दिवस मनाया गया
भारत वर्षीय इतिहास व साहित्य शोध पीठ व वैदिक सभा हरयाणा के सहयोग से जाट भवन रोहतक में 1857क्रांति के अमर शहीद महाराजा नाहर सिंह का 164वां बलिदान दिवस व किसान मसीहा चौधरी छोटूराम का 77वां निर्वाण दिवस मनाया गया।सुबह यज्ञ हवन कर पुष्पांजलि द्वारा श्रद्धांजलि दी गई।वैदिक सभा केे महामंत्री व कार्यक्रम संयोजक जसबीर सिंह मलिक ने बताया कि सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उपायुक्त के माध्यम से भारत सरकार से मांग की गई कि दोनों महापुरुषों की जीवनियां शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की पुस्तकों में शामिल किया जाए साथ ही दिल्ली से मथुरा राजमार्ग का नाम अमर शहीद राजा नाहर सिंह मार्ग व दिल्ली से फाजिल्का राजमार्ग का नाम चौधरी छोटूराम के नाम से रखा जाना चाहिए इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी।मंच संचालन कर रहे कार्यक्रम संयोजक जसबीर सिंह मलिक ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को अमरशहीद महाराजा नाहर सिंह अवार्ड व किसान मसीहा चौधरी छोटूराम अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि विदेश मंत्रालय के अवर सचिव अनूप सिंह,विशिष्ट अतिथि महाराजा नाहर सिंह के प्रपौत बल्लभगढ़ केे चौ अजीत सिंह व जिला कोष अधिकारी राजवीर सिंह साहू रहे।अध्यक्षता सीनियर सिटिजन क्लब के प्रधान कटार सिंह हुड्डा ने की।चौधरी अजीत सिंह ने बताया कि राजा नाहर सिंह 1857 की आज़ादी के महानायक थे जिन्होंने खापो की मदद से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए व 134 दिन तक दिल्ली पर कब्जा करके भारत का झंडा फहराया और दिल्ली की रक्षा की। पूरे हिंदुस्तान मे क्रांति का बिगुल बजा दिया था।
फांसी चढ़ने से पूर्व अपनी अंतिम इच्छा में जागरूकता का सन्देश देते हुए कहा था कि मेरे मरने का मातम करने की बजाय क्रांति की इस ज्योति को इन फिरंगी के भागने तक अपने दिलो में जलाये रखना आजादी जरूर मिलेगी। गरीब मजलूमो किसानों के मसीहा दीनबन्धु चौ छोटूराम का आकस्मिक निधन भी 9 जनवरी1945 को हुआ था जिन्होंने किसानों सहित हर तबके की भलाई के कार्य किये थे आज भी किसान और मजदूर चौ छोटूराम को अपना मसीहा देवता आदर्श मानते है।मुख्य वक्ताओं में मास्टर देवराज नादल,धर्मपाल मलिक,महावीर दांगी,संजय राठी,ओमप्रकाश नांदल, डा संजय जाखड़,प्रमोद आर्य,कैप्टन जगवीर मलिक, डा दीप्ति बल्हारा,अतर सिंंह मलिक,वीरेंद्र हुड्डा,राजबीर मलिक,राजबाला चहल,सुदेश साहू,जगदीश मलिक,आजाद सिंह लाकड़ा ,मास्टर हरिराम माथुर दिल्ली, प्रदीप हुड्डा, डा सुखबीर सिंह,राघवेंद्र मलिक,ओमप्रकाश धनखड़ आदि रहे।मंच का सफल संचालन जसबीर सिंह मलिक ने किया।
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