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अलवर में मंगलवार को एक नाबालिग मूक बधिर लड़की के साथ हैवानियत,पुलिस के हाथ खाली ,सरकार ने किया एसआईटी का गठन

अलवर : राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से गैंगरेप के बाद बर्बरता का मामला सामने आया है। गैंगरेप के बाद उसे ऑवरब्रीज से नीचे फैंक दिया गया। उसकी जान बचाने के लिए डाॅक्टरों ने अलवर से जयपुर रेफर किया, जहां आठ डॉक्टर्स की टीम ने बड़ा ऑपरेशन किया है। पीड़िता की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है। ऑपरेशन के बाद पीड़िता की स्थिति स्टेबल है. उसे आईसीयू में रखा गया है। पीड़िता को खून चढ़ाया गया है। उसकी एक सर्जरी भी होनी है. पीड़िता का ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन नार्मल है,उसके होश में आने के बाद काउंसलिंग की जाएगी।

दिल्ली के निर्भया गैंगरेप जैसी वारदात की राजस्थान में पुनरावृत्ति होने से सियासत में हलचल मच गई है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उसे शून्य बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि दरिंदगी की इस घटना ने न सिर्फ राजस्थान को शर्मसार किया बल्कि कांग्रेस सरकार की लचर कानून व्यवस्था की पोल खोली है। सरकार शून्य हो गई है। राजे ने अपने ट्वीट में लिखा कि नारी स्वाभिमान के पर्याय राजस्थान में बेटियों पर हो रहे अत्याचार बर्दास्त नहीं किया जा सकता। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में नम्बर 1 बन चुके राजस्थान को शोषण मुक्त बनाने के लिए कांग्रेस सरकार को सख्त कदन उठाने चाहिए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार की नाक के नीचे अलवर में मूक बधिर नाबालिग के साथ हैवानियत भरी गैंगरेप को अंजाम देने की घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। राज्य में 3 वर्ष से पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं है। राजस्थान में लचर कानून व्यवस्था के लिए राज्य के मुखिया अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं।

वारदात के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये एसआईटी गठित की गई है. लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए हैं।पुलिस मामले में आरोपियों को पकड़ने का भरपूर प्रयास कर रही है। उसने घटनास्थल से 25 किलोमीटर के दायरे में लगे 300 से अधिक CCTV कैमरे भी खंगाले हैं, लेकिन इनसे भी कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस का शीर्ष नेतृत्व खुद मामले की कार्रवाई देख रहा है। गैंगरेप की इस घटना की जांच के लिए आईजी संजय क्षोत्रिय ने एसआईटी का गठन किया है। SIT में एक एडिशनल एसपी, 3 डिप्टी एसपी और 6 सब इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक (SP) तेजस्विनी गौतम और पुलिस महानिरीक्षक (IG) संजय श्रोत्रिय खुद पीड़िता के घर और गांव भी गए। पीड़िता को जयपुर लाए जाने के बाद गहलोत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, महिला आयोग की अध्यक्ष संगीत बेनीवाल और एडीजी स्मिता श्रीवास्तव अलग-अलग समय में जेके लोन अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर्स से पीड़िता के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा पीड़िता के परिजनों से मिले और अस्पताल प्रशासन को निशुल्क इलाज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार के रहने और खाने का इंतजाम भी राजस्थान सरकार ने करने का फैसला किया है।

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