
हार्दिक पटेल ने वाराणसी में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया तथा रतनपुर गांव में लगाई चुनावी चौपाल
वाराणसी : गुजरात कांग्रेस के युवा नेता हार्दिक पटेल ने रविवार को वाराणसी में चुनाव प्रचार किया और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए । भाजपा शासित गुजरात के साथ यूपी की तुलना करते हुए, हार्दिक पटेल ने दोनों सरकारों की जमकर आलोचना की। हार्दिक पटेल ने रविवार को वाराणसी के रतनपुर गांव में चुनावी चौपाल भी लगाई। हार्दिक पटेल ने बनारस में जनसंपर्क के दौरान भाजपा पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के बयान, यूपी में गुंडाराज खत्म करने के लिए भाजपा को बहुत जरूरी है के सवाल पर पलटवार करते हुए पूछा कि भाजपा में गुंडों के अलावा और है कौन।उन्नाव में भाजपा विधायक की करतूत जगजाहिर है। लखीमपुर खीरी में गृह राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों को कार से कुचल दिया। गुजरात की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी पुलिस को आगे करके विपक्ष की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। गुजरात के विकास मॉडल पर हार्दिक पटेल ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत को छोड़ दें तो गांवों में जाकर देखिए हकीकत सामने आ जाएगी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कांग्रेस के लिए अपने प्रचार को तेज करते हुए पटेल ने गुजराती इलाके का दौरा किया और क्षेत्र के लोगों को संबोधित किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी पवित्र विश्वनाथ मंदिर की जमीन पर जाति और धर्म की राजनीति कर रही है। हार्दिक पटेल ने कहा, ‘हम बाबा विश्वनाथ की धरती पर आए हैं, जहां बीजेपी जाति और धर्म की राजनीति कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘गुंडाराज मुक्त यूपी’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पटेल ने कहा कि उन्नाव बलात्कार का मामला और लखीमपुर खीरी किसान हत्याएं भाजपा शासन के तहत हुईं और उनके विधायक और मंत्री इन अपराधों में आरोपी हैं। इसलिए बीजेपी राज्य को गुंडाराज से मुक्त नहीं कर पाई है, उन्होंने गुंडाराज बनाया है। पटेल ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी खुद गुंडों की पार्टी है। उत्तर प्रदेश में गुंडा राज है। उन्नाव में एक विधायक ने एक लड़की के परिवार को खत्म कर दिया, लखीमपुर खीरी में किसानों को प्रताड़ित किया गया। यह गुंडाराज के अलावा और कुछ नहीं है।”
यू॰पी॰ के प्रयागराज में युवाओं की आवाज़ को मज़बूत करने के लिए गया था लेकिन भाजपा के इशारों पर पुलिस ने मुझे रोक दिया हैं। आज "भर्ती विधान" के तहत आयोजित युवा संसद कार्यक्रम को पुलिस ने इजाज़त नहीं दी और छात्रों को धमकाने का काम किया हैं। युवा की आवाज़ को दबाने का काम हो रहा हैं। pic.twitter.com/5BmCTkTW7y
— Hardik Patel (@HardikPatel_) January 29, 2022
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