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नहीं रही स्वर कोकिला लता जी 92 की उम्र में निधन ,ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस

खराब स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहीं महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार की सुबह 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह पिछले करीब एक महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। जानकारी के अनुसार सुबह 8.12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। ‘भारत रत्‍न’ से सम्‍मानित वेटरन गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष की थीं। ‘भारत की नाइटिंगेल’ के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्‍लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया। आठ जनवरी को वह कोरोना संक्रमित हुई थीं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘देश की शान और संगीत जगत की सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का निधन बहुत ही दुखग है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के किए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थीं।’

जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में वह न्यूमोनिया से पीड़ित हो गईं। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था। लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी को ‘स्वर कोकिला’ ने आखिरी सांस ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता के साथ कई तस्‍वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दयालु और सबका ध्‍यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई हैं। वह हमारे देश में ऐसी शून्‍यता छोड़ गई हैं जो कभी भर नहीं सकेगी।’

लता मंगेशकर के गाए सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है ‘ऐ मेरे वतन के लोगो…’। पहले लता ने कवि प्रदीप के लिखे इस गीत को गाने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह रिहर्सल के लिए वक्त नहीं निकाल पा रही थीं। कवि प्रदीप ने किसी तरह उन्हें इसे गाने के लिए मना लिया। इस गीत की पहली प्रस्तुति दिल्ली में 1963 में गणतंत्र दिवस समारोह पर हुई। लता इसे अपनी बहन आशा भोसले के साथ गाना चाहती थीं। दोनों साथ में इसकी रिहर्सल कर भी चुकी थीं। मगर इसे गाने के लिए दिल्ली जाने से एक दिन पहले आशा ने जाने से इनकार कर दिया। तब लता मंगेशकर ने अकेले ही इस गीत को आवाज दी और यह अमर हो गया।

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