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चारा घोटाले के 5वें केस में सीबीआई कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई और 60 लाख का जुर्माना भी लगा

रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई है और 60 लाख का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का है।सीबीआई कोर्ट रांची के विशेष जज एसके शशि ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनायी।। लालू प्रसाद समेत 38 अन्य आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था और 24 को रिहा कर दिया गया था।। इसके बाद लालू प्रसाद को जेल भेज दिया गया था। जमानत नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा। इनमें से 36 को तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की जा चुकी है। वहीं बाकी दोषियों को भी आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई।
सजा सुनाने के पहले सीबीआई की ओर से सभी दोषियों को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया गया। जबकि बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने का आग्रह किया। रांची सिविल कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ता बिहार से भी पहुंचे थे । इनमें अब्दुल बारी सिद्दिकी, पूर्व मंत्री श्याम रजक भी शामिल थे ।
राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में सजा सुनाए जाने का स्वागत किया। राजद के नेताओं ने कहा सजा की अवधि के मामले में लालू प्रसाद यादव के साथ न्याय हुआ है।
लालू यादव को सजा सुनाए जाने पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह तो होना था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख के जुर्माने से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। यह तो होना था। लालूजी की चार्जशीट देव गौड़ाजी के समय और पहली सजा मनमोहन सिंह जी के समय हुई। फिर भी फंसा दिया गया यही राग अलापा जाएगा।’
वहीं फैसले के बाद उनके बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एजेंसियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि क्या देश में चारा घोटाले के अलावा कोई और स्कैम नहीं हुई है। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘चारा घोटाले के अलावा क्या देश में कोई और स्कैम नहीं हुआ है। अकेले बिहार में ही करीब 80 स्कैम हो चुके हैं, लेकिन सीबीआई, ईडी और एनआईए आखिर कहां हैं। क्या पूरे देश में एक ही स्कैम हुआ है और एक ही नेता है। सीबीआई ने विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भुला दिया है।’ यही नहीं उन्होंने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात भी कही है। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मैं अदालत के फैसले पर कोई कॉमेंट नहीं करूंगा। यहां आखिरी फैसला नहीं है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी इस देश में हैं। हमने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हमें उम्मीद है कि उच्च न्यायालय में निचली अदालत का फैसला पलट जाएगा।’ तेजस्वी यादव ने कहा, ‘यदि लालू जी ने भाजपा से हाथ मिला लिया होता तो उन्हें राजा हरिशचंद्र कहा जाता, लेकिन उन्होंने आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसलिए उन्हें कैद का सामना करना पड़ रहा है। हम इससे डरने वाले नहीं हैं।’ इस बीच लालू प्रसाद यादव ने भी सजा को लेकर ट्वीट किया है। उनके अकाउंट से ट्वीट किया गया, ‘अन्याय असमानता से, तानाशाही ज़ुल्मी सत्ता से, लड़ा हूँ लड़ता रहूँगा। डाल कर आँखों में आँखें, सच जिसकी ताक़त है। साथ है जिसके जनता, उसके हौसले क्या तोड़ेंगी सलाख़ें।’ इस तरह लालू यादव ने भी इशारों में कहा है कि सरकार उन्हें फंसाने का काम कर रही है। बता दें कि लालू प्रसाद यादव की यदि 5 साल की सजा बरकरार रहती है तो फिर उन्हें जेल जाना होगा और वह चुनावी समर में भी नहीं उतर सकेंगे। प्राइम न्यूज़ 24
के लिए ब्यूरो की रिपोर्ट

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