
महान दल ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ा, राजभर की पार्टी ने भी प्रत्याशियों पर उठाए सवाल, पूर्व मंत्री हृदयराम ने भी सपा छोड़ी
सपा में विधान परिषद सदस्य उम्मीदवारों का नाम तय होने के बाद गठबंधन में दरार पड़ गई है। महान दल ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया है उधर सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी विधान परिषद चुनाव में सीट न मिलने पर नाराजगी जताई है।
यूपी विधान परिषद चुनाव के लिए बुधवार को सपा के चार उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया है। इनमें से दो सपा नेता आजम खां के नजदीकी हैं। पार्टी की ओर से तय किए गए उम्मीदवारों में स्वामी प्रसाद मौर्य, करहल के पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल सिंह शामिल हैं। इसके अलावा सहारनपुर से शाहनवाज खान शब्बू व सीतापुर के जासमीर अंसारी का नाम शामिल है।
सपा के वरिष्ठ नेता हृदयराम ने बुधवार को सपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में आरोप लगाया कि राज्यसभा व विधान परिषद सदस्यों के चयन में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की उपेक्षा की गई है। 22 फीसदी आबादी और विधानसभा चुनाव में भरपूर सहयोग के बावजूद किसी भी दलित को विधान परिषद में नहीं भेजा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को अपनाने की बात करती है लेकिन पार्टी में लगातार दलितों की उपेक्षा हो रही है।महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशवदेव मौर्य ने सपा से गठबंधन तोड़ने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हमारी जरूरत नहीं है। यही वजह है कि वह लगातार उपेक्षा कर रहे हैं। उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का सपना लेकर साथ आए थे। टिकट बंटवारे में सहयोगियों की उपेक्षा का नतीजा है कि सरकार नहीं बनी। चुनाव के बाद से कभी भी किसी मुद्दे पर बातचीत नहीं किया। ऐसे में कब तक इंतजार किया जाए। लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को सक्रिय करेंगे। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में केशवदेव मौर्य की पत्नी सुमन को फर्रुखाबाद सदर और बेटे चंद्र प्रकाश मौर्य को बदायूं के बिल्सी से टिकट दिया गया था। वह पूर्वांचल की कई सीटों पर भी टिकट मांग रहे थे।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें