
अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के लिए विकास दर 6.8 प्रतिशत रहने का जताया अनुमान
वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के आर्थिक विकास दर (India Growth Rate) के अनुमान में दूसरी बार कटौती की है. आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसे 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने कहा, “संक्षेप में सबसे बुरा दौर अभी आना बाकी है. यह समय कई लोगों के लिए 2023 मंदी की तरह साबित होगा ।
IMF ने जारी अपनी वार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि 2022 में भारत की जीडीपी में वृद्धि का संशोधित अनुमान 6.8 प्रतिशत है,इस तरह जुलाई महीने के पूर्वानुमान में 0.6 प्रतिशत की कटौती की गई है। वैश्विक वित्तीय संकट और COVID-19 की महामारी के तीव्र चरण को छोड़कर यह 2001 के बाद से आर्थक विकास का सबसे कमजोर पूर्वानुमान हैं।
हालांकि आरबीआई का अनुमान है कि 2022-23 में 7 फीसदी जीडीपी हो सकती है. आईएमएफ के इकोनॉमिक काउंसलर पियरे.ओलिवियर गौरिनचास का कहना है कि रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ महंगाई बढ़ गई है। आम जनता की रोजमर्रा जरूरतों के समान महंगे होते जा रहे हैं। चीन में स्लोडाउन की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में एक तिहाई देशों का आर्थिक विकास दर निगेटिव में हो सकता है। ये अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और चीन में विकास दर को कम कर सकता है । उन्होंने अनुमान लगाया कि 2023 में मंदी जैसे हालात बन सकते हैं।
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